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अधूरे प्यार का इकरार-इज़हार-1 हजारों कहानियाँ हैं अन्तर्वासना डॉट कॉम पर !
Posted by Unknown
Posted on 19:54
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anisha1koi@gmail.com आज मैं आपको अपनी दोस्त बबली के अधूरे प्यार को हमने कैसे पूरा किया बताने जा रहा हूँ... मैं और बबली बचपन के दोस्त हैं... बचपन से कब जवान हो गए और कब दोस्ती प्यार में बदल गई, यह हम दोनों को ही मालूम नहीं पड़ पाया और हम दोनों ने सोच रखा था कि हम दोनों कभी आपस में प्यार-व्यार में नहीं पड़ेंगे... इसीलिए जवानी में हम दोनों के अलग अलग अफ़ेयर हुए उसकी किसी से शादी हो गई और मेरी भी... मगर हम लोग अभी भी अच्छे दोस्त हैं और उसके पति से भी मेरी अच्छी दोस्ती हो गई है और बबली की मेरी बीवी से भी अच्छी दोस्ती हो गई है। बबली की शादी किसी दूसरे शहर में हुई थी मगर शादी के तीन साल बाद ही उसके पति का तबादला हमारे शहर में ही हो गया। उस समय जब वो पहली बार मेरे शहर आई तो मेरे ही घर रुके थे, हम सबने साथ मिल कर उनके लिए घर ढूंढा, वो लोग 10-12 दिनों तक हमारे घर में रहे और फिर और फिर एक दिन वो लोग अपने घर चले गए। वैसे तो यह शहर बबली का अच्छी तरह से देखा-भाला था मगर फिर भी शादी के कई साल पहले से ही वो दूसरे शहर में जॉब करती थी और फिर वहीं शादी कर ली अब वापस यहाँ आई तो उसकी कोई जान-पहचान नहीं थी मेरे सिवाय... उसके पति का टूरिंग जॉब था और उसकी शिफ्टिंग के बाद अचानक से उसके पति को एक महीने के लिए टूर पे जाना पड़ा तो हमने बबली को बोला- तू एक यह महीना हमारे घर रहने आ जा... मगर वो नहीं मानी, बोली- नए घर में शिफ्ट हुए ही हैं, अभी काफ़ी सामान खरीदना है, और फिर पूरा घर जमाना है... अगर मैं तेरे घर रहने आई तो यहाँ का काम रह जायेगा, इससे अच्छा है कि मैं यही रहती हूँ और तुम लोग मेरी मदद करना घर जमाने में, और रात में कभी तो तुम लोग यहीं रुक जाना या कभी मैं चली चलूंगी तुम्हारे घर पर... बबली की उम्र उस समय 28 साल होगी, उसका कद 5'2" और बदन 34-28-34 का होगा... वो एकदम गोरी चिट्टी है एकदम, हाथ रखो तो गुलाबी पड़ जाए... उसके पति के टूर पे जाने के बाद में अपने ऑफिस से सीधे उसके ही घर चले जाता था और हम दोनों या तो उसके घर को ज़माने का काम करते थे या अधिकतर तो शॉपिंग ही चले जाया करते थे। करीब 5 दिन तो ऐसे ही निकल गए, मैंने भी कभी उसको दोस्त की नजर के अलावा हवस की नजर से नहीं देखा या सोचा था कभी... ऐसे ही एक दिन वो बोली- चल अपन किराने का सामान लेने चलते हैं और अपने कुछ कपड़े भी खरीदने हैं। हम दोनों मेरी कार में मॉल गए, वहाँ से उसने पहले रसोई का सामान लिया और फिर हम दोनों शोप्पर्स स्टॉप में गए उसके लिए कपड़े खरीदने... उसने 2-3 टॉप्स, 2 जींस, 3 टी-शर्ट, 1 स्कर्ट, 2 गाउन लिए... तभी एकदम से मुझे एक डमी पर्पल नाइटी पहने दिखी तो मैंने उसे ऐसे ही छेड़ दिया- ले, यह ले ले, यह तेरे बदन पर बहुत जमेगी... उस नाइटी के साथ मैचिंग ब्रा-पेंटी भी थे... वो आई और उसने उस नाइटी को छू कर देखा और बोली- हाँ यार, सही में मस्त है, इसे तो ले ही लेती हूँ... फिर वो थोड़ी आगे जाकर लेडीज के अन्दरगारमेंट्स में गई तो मैं रुक गया, वो बोली- क्या हुआ? तू क्यों नहीं आ रहा? अच्छा, शरमा रह है मेरा दोस्त... अरे आ जा, मेरे को कोई प्रॉब्लम नहीं है तेरे साथ से, तू रहेगा तो पसन्द करने में आसानी हो जाएगी... कहकर वो मेरा हाथ खींचते हुए मुझे ले गई और वह पर वो मुझे ब्रा और पेंटी दिखाती रही और में भी उन्हें हाथ लगा लगा कर उसे पसंद करवाता रहा... उसने लाल, काली, गुलाबी और सफ़ेद इन चार रंगों के ब्रा-पेंटी का एक एक सेट लिया। उसके हम दोनों डिनर करने के लिए एक होटल में गए वह हम दोनों ने डिनर के साथ थोड़ी थोड़ी बीयर भी पी और घर के लिए निकल पड़े... रास्ते में बार बार मेरा हाथ गीर बदलते समय उसकी जांघों से टकरा रहा था और उस पर भी थोड़ा थोड़ा तो बीयर का सुरूर चढ़ ही रहा था... वो मुझे देख देख कर मुस्कुराती रही... तभी बारिश हो गई तो उसने खिड़की खोल ली जिससे बारिश की बूंदें उसके चहरे पे पड़ने लगी और मोतियों जैसा उसका चेहरा चमकने लगा... उस दिन से पहले मेरे दिल में कभी उसके लिए ऐसे ख्याल नहीं आये थे... मैंने उसे कहा- बबली, तू बहुत खूबसूरत लग रही है। तो वो बोली- सच? ...तूने तो कभी मेरी तारीफ़ नहीं की, आज तूने ज्यादा पी ली है क्या... और यह कहकर उसने मेरे गालों को अपने गीले हाथों से छू लिया और मुझे ऐसे लगा जैसे कर्रेंट लगा हो... उस दिन उसने नीली जींस और गुलाबी टी-शर्ट पहनी थी, उसकी जींस भी लो वेस्ट थी जिससे कि मैंने माल में झुकते समय बार बार उसकी ब्राउन पेंटी देख ली थी ... फिर हम उसके घर पहुँचे तो उस समय भी बारिश हो रही थी, वो बोली- रसोई का सामान कार में रहने दे, बस कपड़े ले चलते हैं ऊपर, बाकी का सामान बाद में निकाल लेंगे ! तो मैंने कहा- अरे मगर मुझे तो वापस घर जाना पड़ेगा और मुझे ही क्या तू भी तो मेरे साथ घर चलेगी ना... तो वो बोली- नहीं यार, आज थक गई हूँ और बारिश भी देख कितनी तेज़ है, एक काम करते हैं, तू भी आज रात यहीं रुक जा ! और उसने मेरी बीवी को फ़ोन करके बोल दिया कि आज की रात मैं वहीं रुकने वाला हूँ।मेरी बीवी अच्छे से जानती थी कि हम दोनों अच्छे दोस्त हैं और उसकी जरूरत के समय हम मदद नहीं करेंगे तो कौन करेगा, तो उसने भी कोई आपत्ति नहीं की... हम दोनों कार से निकले और उसके बिल्डिंग में जाने लगे मगर बारिश इतनी तेज़ थी कि हम कार से निकल कर उसकी बिल्डिंग के अन्दर घुसते, इतने में ही दोनों पूरी तरह से भीग गए थे... फिर हम उसके फ्लैट में गए तो पहले वो एक तौलिया लाई, बोली- अभी हमारे घर में एक ही तौलिया है... तो उसके एक सिरे से उने अपना सर पोंछना शुरु किया और दूसरे सिरे से मैं अपना सर पौंछने लगा। अब हम दोनों एक ही तौलिये में एक दूसरे के सामने थे... उसकी गर्म गर्म साँसें मेरे चेहरे से टकरा रही थी और हमारे शरीर भी एक दूसरे के करीब आ गए थे... तभी हम दोनों की नज़रें मिली और मानो जैसे कुछ बात कर रही हो आपस में... और वो तौलिया छोड़ कर चली गई, बोली- मैं कपड़े बदल कर आती हूँ, तू अन्दर मत आना, में दरवाजा बंद नहीं कर रही हूँ क्योंकि बारिश में लाइट चली जाती है और अन्दर अन्धेरा है। मैंने कहा- ओके... और वो चली गई... और थोड़ी देर बाद वो नया वाला जो गाउन माल से ख़रीदा था पर्पल रंग का, वो पहन कर मेरे सामने आई... तो मानो मेरे ऊपर क़यामत टूट पड़ी हो... वैसे ही बीयर का नशा चढ़ा था और ये और अपने नए रूप में दिख रही थी आज मुझे... मैंने उसे कहा- बबली, तू तो बहुत हॉट और सेक्सी लग रही है इसमें ! सोचा नहीं था कि यह गाउन पहन के तू इतनी सेक्सी लगेगी... फिर उसने मुझे एक आँख मारी और बोली- तूने अभी देखा ही कहाँ मुझे ढंग से कि मैं कितनी सेक्सी हूँ डीयर ! तो मैंने कहा- कोई बात नहीं, आज तक फुर्सत नहीं मिली तो क्या हुआ, आज फुर्सत है, और इतनी फुर्सत है कि तुझे आराम से देखूंगा कि तू कितनी हॉट और सेक्सी है... वो मेरे पास आकर बैठ गई, सामने टीवी पर इंग्लिश मूवी चल रही थी जिसने एक चुम्बन दृश्य आया तो हम दोनों एक दूसरे को देखने लगे। बबली मुझसे बोली- मुझे तुझसे कुछ बात करनी है ! मैंने कहा- बोल, क्या बात है? तो वो बोली- हमने सोच के रखा था कि हम आप में कभी प्यार नहीं करेंगे वरना दुनिया दोस्ती को बदनाम करेगी कि एक लड़के और लड़की में दोस्ती के बाद यही होता है, सिर्फ इसीलिए हम दोनों ने एक दूसरे को कभी प्यार नहीं किया... मगर आज मैं स्वीकार करना चाहती कि मैंने तुझे दिल से चाहा है, मगर कभी इकरार नहीं कर पाई ! कहकर वो रोने लगी ! तो मैंने उसके आँसू पौंछते हुए कहा- बबली, तू सही में पगली है... मैंने उसे अपने गले लगा लिया.. उसके माथे पर चूम लिया... और वो और मेरे सीने से चिपक गई... मैंने अपनी गीली शर्ट उतार दी थी, जींस और बनियान में था, उसके ठण्डे बदन ने मेरे बदन में आग सी लगा दी... और धीरे धीरे मैं उसके कंधे पर हाथ फेरने लगा जिससे वो भी गर्म होने लगी। उसने जो गाउन पहना था वो 3 पीस था सिल्क वाला... जो मेरे शरीर पर बहुत ही मस्त एहसास दे रहा था... हम दोनों मदहोश होने लगे थे, एक दूसरे की बाहों में खो रहे थे ! और तभी मैंने अपने गर्म होंठों को उसके लरजते हुए कांपते हुए गर्म, मुलायम गुलाबी होंठों पर रख दिया... और अचानक से हम दोनों के होंठ एक दूसरे में समाने लगे और हमारी जीभ होंठो के अन्दर जाकर एक दूसरे की जीभ से प्यार के खेल खेलने लगी... मैंने उसके बाल खोल दिए, वो बोली- आज हम दोनों अपने अधूरे प्यार की दास्ताँ को पूरा करेंगे ! बोलो करेंगे ना? मैंने उसे और कस कर अपनी बांहों में भर लिया और कहा- हम सिर्फ आज नहीं, बल्कि आज से हमारी अधूरी प्रेम की दास्ताँ को पूरा करेंगे ! हम दोनों बिस्तर पर एक दूसरे के बाजू में लेट गए, मैंने अपनी जीभ अन्दर उसकी जीभ से लड़ा दी और अपने हाथ उसके गाउन के ऊपर से फेरते हुए उसके कूल्हों पर ले आया। मेरे हाथ से उसका गाउन भी उसके घुटनों तक ऊपर आ चुका था और उसकी गोरी गोरी टाँगे दिखने लगी थी... हम दोनों पर अब तक पूरी तरह से वासना सवार हो चुकी थी... तभी मैंने उसके गाउन की डोरी खोल दी तो वो लपक कर मेरे ऊपर चढ़ कर बैठ गई और अपने कन्धों से गाउन हटा दिया ...जिसके अन्दर का गाउन सिर्फ उसके घुटनों तक ही था ...अब वो मेरी जांघों पर घुटनों की नाइटी और ब्रा पेंटी में बैठी थी ...और अपने योनि प्रदेश को मेरे लिंग पर दबा रही थी। मैंने उसके हाथ पकड़ कर उसे अपने ऊपर झुकाया और हम दोनों प्रगाढ़ चुम्बन में लिप्त होअ गये। अचानक वो उठी और मेरे ऊपर से हट कर मेरी जींस खोल कर उतार दी। अब मैं उसके सामने सिर्फ अण्डरवीयर में था जिसमें मेरा लण्ड उभर कर साफ़ दिख रहा था। वो बड़े ध्यान से उसे ऊपर नीचे उठते हुए देख रही थी... और फिर वो मेरी जांघों में हाथ फेरने लगी... मेरी बनियान के साइड से मेरे निप्पल पर दूसरा हाथ फेर रही थी... मारे उत्तेजना के मेरी हालत खराब हो रही थी... यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं। तभी उसने मेरे लण्ड को मेरे अन्डरवीयर के ऊपर से ही पकड़ लिया फ़िर उसे चूमने लगी, अपनी जीभ फिराने लगी। अब मेरी हालत खराब हो चुकी थी मैंने खुद ही अपनी अन्डरवीयर नीचे सरका दी और मेरा लिंग स्प्रिंग की तरह उछलता हुआ उसके मुंह ले सामने खड़ा हो गया... मैंने अपनी बनियान भी निकाल दी।तभी उसने मेरे लण्ड को अपने दोनों हाथों में थामा और उसके सुपारे पर अपनी जीभ फिराई... 'आआहह हमम्म्मम' की आवाजें गूंजने लगी थी कमरे में... और मेरे लौड़े को चूमते चूमते वो उसे चूसने लगी, अपने एक हाथ से वो मेरे टट्टे सहला रही थी... ऐसे ही जोश में एकदम मेरा बदन अकड़ने लगा तो मैंने कहा- बबली, मेरा निकलने वाला है ! तो वो बोली- निकाल दो मेरे मुँह में ही ! इसे मैं चखना चाहती हूँ मेरे राजा... और एकदम से मैंने एक तेज़ पिचकारी उसके मुँह में छोड़ दी ! कहानी जारी रहेगी। हजारों कहानियाँ हैं अन्तर्वासना डॉट कॉम पर !
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