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मेरा जन्म दिन उसके साथ हजारों कहानियाँ हैं अन्तर्वासना डॉट कॉम पर !










प्रेषिका : रोमा शर्मा
दोस्तो, मैं रोमा आप लोगों के साथ कहानी के माध्यम से मैंने अपना सेक्स अनुभव शेयर किया था..'इंटर कोलेज कम्पीटीशन' !
उस मादक और उत्तेजक सेक्स अनुभव के बाद मैं और रोहित बहुत अच्छे दोस्त बन गए थे, मैं उस पर जबरदस्त फ़िदा हो गई थी, और मेरे खुद के रहन-सहन में भी काफी अंतर आ गया था, अब मुझे अपना लड़की वाला रूप ज्यादा अच्छा लगता था, अब मैं भी अपने आप को और सुन्दर दिखाने के लिए मेकअप करने लगी, हाथ पैरों की वेक्सिंग कराने लगी, घंटों शीशे के आगे खुद को निहारती रहती थी और अपने आप को पूर्णतया नग्न करने में मुझे मज़ा आने लगा, और फिर अपने नग्न शरीर को शीशे में अलग अलग कोणों से देखा करती, मेरे वक्ष, मध्यम थे पर बहुत ही कठोर थे, निप्पल नुकीले थे और उसके आसपास का घेरा गुलाबी से रंग का था, कमर पतली और सपाट थी और कूल्हों का आकार तो बहुत ही उत्तेजक था, अब में जब भी रूम में अकेली होती, अपने आप को निर्वस्त्र कर लेती और अब मुझे इस बात को सोच कर बहुत बुरा लग रहा था कि मैं पहले ऐसे सुन्दर और सेक्सी बन कर क्यों नहीं रहा करती थी, और उस दिन रोहित के साथ सेक्स के समय भी मैं अब जैसी चिकनी नहीं थी। और अब मैं उसे अपना यह नया और सेक्सी रूप दिखाने के लिए मरी जा रही थी।
उस दिन के बाद से हमारी रोज़ रात फोन पर बहुत लम्बी लम्बी और सेक्सी
बातें हुआ करती थी जिसमें वो मुझे और मैं उसे बहुत उत्तेजित कर दिया करते थे लेकिन इससे हमारी सेक्स इच्छा कम होने के बजाये और ज्यादा बढ़ती ही जा रही थी।
और फिर आखिर हमने एक बार मिलने का निश्चय कर ही लिया।
और इसके लिए मैंने बहाना बनाया अपने जन्मदिन का और उससे अपने लिए पार्टी और गिफ्ट की भी मांग की। वो तो खुद मरा जा रहा था मुझसे मिलने को, मेरे साथ सेक्स का नया खेल खेलने को !
और इसके लिए इस बार उसने होटल में मिलने का अनुरोध किया, मुझे डर तो लग रहा था पर मैं काफी बोल्ड और दृढ़ निश्चय वाली लड़की थी, मुझे अपने आप पर भरोसा भी था कि मैं किसी गड़बड़ को आसानी से हैंडल कर लूँगी।
फिर हम होटल में गए। वहाँ उसने एक कमरा लिया और फिर हम कमरे में चले गए।
उसका साथ पाकर मैं तो पागल हुई जा रही थी।
कमरे में आते ही उसने मुझे चूम लिया और बाहों में ले लिया। मैं तो ख़ुशी से पागल हो रही थी उसकी बाहों में आकर। फिर उसने मुझे जन्मदिन की शुभकामनाएँ दी और मुझे एक गुलाब दिया। उसका प्यार देखकर मुझे बहुत अच्छा लगा।
वो अपनी एथलेटिक प्रेक्टिस करके आया था और पसीने से नहाया हुआ था, उसकी पसीने की गंध मुझे मदहोश कर देती थी, पर उसे शायद अपने आप को अच्छा नहीं लग रहा होगा वो बोला- रोमा, तुम बैठो में ज़रा नहा कर आता हूँ।
वो नहाने चला गया लेकिन उसने बाथरूम का दरवाज़ा बंद नही किया। शॉवर की आवाज़ आने पर मुझे पता नहीं मुझे क्या सूझी, मुझे उसके लंड को देखने की इच्छा हो आई मैं चुपके से दरवाज़े के पास जाकर खड़ी हो गई और अन्दर देखने की कोशिश करने लगी। उसे बाथरूम में लगे दर्पण में नंगा नहाते देख मैं बहुत रोमांचित हो गई और मेरे हाथ पैर मचलने लगे उसे छूने को।
मैंने देखा कि उसका लिंग मोटा, कठोर और तना हुआ था।
इतना लम्बा और मोटा लंड देखकर मेरी चूत में खुजली होने लगी और मैं उसे पा लेने को तड़प उठी। पर यह सोचकर कि वो क्या सोचेगा कि कैसी लड़की है, इसमें सब्र नाम की चीज ही नहीं है। मैं चुपचाप पलंग पर आकर टीवी देखने लगी। पर टीवी में मन कहाँ लग रहा था, मन कर रहा था कि बस जाकर चिपक जाऊँ उसके नंगे बदन से ! यह सोचकर फिर मेरी चूत गीली हो गई।
इतने में वो नहाकर आ गया, उसके गीले बदन को देख मेरे बदन में तो आग ही लग गई। मन किया बस टूट पड़ूँ अपने शिकार पर ! उसके गीले बालों का पानी मुझ पर पड़ा तो ऐसा लगा जैसे जलते बदन में ठंडक पड़ गई। उसने बस तौलिया लपेट रखा था और पलंग पर आ गया। उसके बाद उसने मुझे अपने पास खिसकाया और मुझे माथे पर चूमा और पूछा- कैसी हो?
मैंने कहा- अब तुम आ गए तो बहुत खुश हूँ ! अब हम जन्मदिन साथ मना पाएँगे।
मेरे यह कहते ही उसमे मुझे प्यार से देखा और मेरे गुलाबी होठों को चूम लिया। मेरी नजरें झुक गई।
उसने पूछा- क्या हुआ?
मैंने कहा- कुछ नहीं ! बस शर्म आ गई।
फिर उसने मेरा मुँह ऊपर उठाया और कहा- बाथरूम में मुझे नहाते देख मुझे शर्म नहीं आई?
यह सुनकर मैं तो चौंक गई और शर्म से और लाल हो गई और कुछ कहते नहीं बना और उससे थोड़ा दूर हो गई। उसने फिर मुझे पास खींच लिया और लगा चूमने !
मेरी तो जैसे मन की मुराद पूरी हो गई मानो। उसके सामने सीधी बनने का नाटक करती रही और मन में बुलबुले उठते रहे।
उसने मुझे कहाँ कहाँ नहीं चूमा- होंठ पर, कान पर, हाथ पर, वक्ष पर ! इतने में मैंने फिर उसे दूर कर दिया और उसे तड़पाने लगी।
उसने कहा- क्या तुम ये नहीं चाहती थी जो दूर जा रही हो?
और उसने कहा कि वो आज तो मुझे बहुत प्यार करेगा क्यूंकि मेरा जन्मदिन जो है।
मैंने कहा- कोई ज़बरदस्ती है क्या?
तो बोला- मैं सब जानता हूँ कि तुम्हारे मन में क्या है !
यह सुनकर ऐसा लगा कि बोलूँ- आजा मेरे राजा, मैं भी यही चाहती हूँ जो तुम चाहते हो ! पर फिर चुप हो गई और उसके सामने शर्माने का ढोंग करने लगी।
वो मुझे पकड़ने की कोशिश करता रहा और मैं उससे दूर भागने की। उसने कहा कि चुपचाप उसके पास खुद आ जाऊँ वरना वो मुझे नंगा कर देगा। यह सुनकर मेरी आँखें चमक उठी और लगी उसे और परेशान करने। आखिर कुछ देर परेशान होने के बाद उसने मुझे पकड़ ही लिया और मुझे बेइंतहा चूमने लगा और मैं भी उसकी मस्ती में खोने लगी, मैं उससे लिपट गई।
उसने मुझे कस के बाहों में भर लिया और मेरे होंठ चूसने लगा। फिर उसने मेरे बाल कान पर से हटाये और कानों के आस-पास चूसने लगा और उन्हें किस करता रहा। इससे मेरे बदन में एक अजीब सी खुमारी छा गई और मैं अपना आपा खोने लगी। वो मुझे चूमता रहा और मैं बेहोश सी होने लगी। मन करता रहा कि बस वो मुझे चूमता रहे और मैं जन्नत में चली जाऊँ।
फिर उसने धीरे से अपने हाथ मेरे वक्ष पर रखे और उन्हें दबाया...आआह्ह ऽऽ क्या स्पर्श था वो ! उसने फिर थोड़ा और जोर से दबाया और म्म्म्म्म बस पागल सी होने लगी मैं। फिर उसने दूसरे
स्तन के साथ भी यही किया और अब तो मैं बस और खोना चाहती थी।
फिर उसने मुझे पलंग पर लेटाया, मेरे ऊपर आ गया, मेरी आँखों में देखने लगा और कहा- तुम्हारी आँखें इतनी सेक्सी क्यों हो रही हैं?
मैंने कहा- बस तुम्हारे प्यार का नशा चढ़ा हुआ है !
यह सुनते ही उसने मेरे होंठ फिर चूम लिए और दोनों दूध को दबा दिया- ऊऊओहह्हह क्या बताऊँ कि कैसा लगा ! ऐसा लगा कि हाँ, बस आजा राजा और मार दे मुझे ! मैं इसी दिन के लिए तड़प रही थी। फिर वो मुझे चूमता रहा- चूमता रहा और धीरे धीरे नीचे जाने लगा। मैं तो बस रंगीन दुनिया में खोई हुई थी, उसने धीरे से मेरा कुरता उठाया और पेट पर चूम लिया...
हाय क्या बताऊँ - क्या हुआ- एक करंट सा दौड़ गया पूरे बदन में 440 वाल्ट का !
फिर उसने मेरा कुरता ही उतार दिया और मैं आधी नंगी हो गई। उसने मेरी ब्रा भी उतार दी और खड़े होकर मुझे देखने लगा।
मैंने कहा- क्या कर रहे हो, ऐसे मत देखो ! शर्म आ रही है..
उसने कहा- मेरी जान, आज शर्म छोड़ दे और मेरा साथ दे !
मैंने कहा- दूंगी मेरे रज्जा... बहुत साथ दूँगी !
उसने फिर मेरे दूध को जोर से दबाया और कहा- कितने मस्त हैं गोरे-गोरे और गोल-गोल ! मन कर रहा है कि नोच लूँ !
मैंने कहा- नोचने की क्या ज़रूरत, तुम्हारे लिए ही एक महीने से रोज़ मालिश कर रही हूँ कड़ा करने के लिए !
वो बोला- हाय मेरी जान, आज तूने दिल खुश कर दिया।
मैंने कहा- अब तुम मुझे मेरा उपहार दो मुझे खुश करके !
बस फिर क्या था, फिर जो नहीं होना था वो सब होने लगा। उसने झट से मेरे पजामे को उतार दिया और मेरी चड्डी भी फेंक दी। मैं अब पूरी नंगी थी उसके सामने। बहुत शर्म आ रही थी। मैंने दोनों हाथों से दूध छुपा लिए और पैरों को क्रॉस कर लिया।
उसने कहा- अब क्यों शरमा रही है?
और मेरे दोनों हाथ पकड़ लिए और मेरे ऊपर चढ़ गया और पैरों को भी खुद के पैरों से अलग कर लिया। फिर उसने मेरे दूधों को चूसना शुरू किया और तब तक चूसता और खाता रहा जब तक वो लाल नहीं हो गए। बीच बीच में रोहित ने इतना काटा कि जान निकल गई पर मीठा सा एहसास भी हुआ मन को, लगा बस ऐसे ही ज़िन्दगी भर हम एक दूसरे के साथ रहे।
फिर वो अचानक उठा और मुझे चुपचाप रहने को कहा, मेरे निर्वस्त्र शरीर को निहारते हुए मेरे हाथ उठा के सर के ऊपर रख दिए और मेरे क्रॉस किये हुए पैरों को आहिस्त आहिस्ता खोल दिया। मुझे शर्म भी आ रही थी मज़ा भी आ रहा था !
अब मेरी यह नग्न मुद्रा बहुत ही अश्लील और उत्तेजक हो गई थी पर में ऐसी ही पड़ी रही और उसके अगले कदम का इन्तजार करती रही।
वो उठा और अपने साथ लाया पैकेट खोला, उसमें से एक बहुत ही छोटा सा प्यारा सा एक पेस्ट्री के बराबर दिल के शेप का केक निकाला और उसे मेरी नाभि और वक्ष के बीच में रख दिया और फिर उसमें एक मोमबत्ती लगा दी, फिर एक बड़ी सी केडबरी की सिल्की चोकलेट निकाली, जिसका एड आजकल टी.वी. पर भी खूब आ रहा है और उसका रैपर निकाल कर मेरे दोनों निप्पल और
स्तनों पर खूब सारी लगा दी।
मैंने पूछा भी- यह क्या कर रहे हो?
तो उसने श्शश्ह का इशारा किया और कहा- बर्थडे का डेकोरेशन ! और क्या?
फिर मैं चुप हो गई क्योंकि मुझे उसके इस खेल में मज़ा आ रहा था। इसके बाद उस बदमाश ने मोमबत्ती को जलाया और कहा- लो जी ! आज की बर्थ डे गर्ल ! तैयारी पूरी हो चुकी है, अब तुम इस मोमबत्ती पर फूंक मारो !
मुझे इस अनोखे बर्थ डे पर बहुत ज्यादा मज़ा और उत्तेजना हो रही थी, फिर भी मैंने उसे छेड़ते हुए कहा- बर्थ डे पर लोग नई ड्रेस
पहनते हैं और तुमने मुझे पूरा नंगा कर रखा है? यह कैसा बर्थ डे है?
वो बोला- आज की पार्टी की थीम है न्यूडिटी ! ओ के ! तुम भी नंगी और गेस्ट भी नंगा !
और यह कहते हुए उसने अपना भी तौलिया उतार कर दूर फेंक दिया।
और अब अपने कठोर और पूरी तरह से तन चुके लंड को लहराते हुए वो भी पूर्ण नग्न हो चुका था, उसे देख कर मुझे मज़ा आ गया।
फिर मैंने एक ही तेज़ फूंक से मोमबत्ती बुझा दी और उसने मेरे लिए ताली बजाते हुए बर्थ डे सोंग गाया, और फिर मैंने अपनी उंगलियों से ही केक को काटा और उसने अपने हाथ से मुझे खूब सा केक खिलाया और मेरे गालों पर भी लगाया।
मैंने भी उसे केक का एक पीस खिलाया। फिर वो मेरे पेट के ऊपर आ गया और अपने लंड को उस केक में लपेट सा लिया पूरी तरह से और फिर मुझे पेश किया।
मुझे उसका यह अंदाज़ बहुत पसंद आया और मैंने उसे अपने मुँह से खाकर, चाटकर साफ़ किया।
अब उस केक में ज्यादा कुछ नहीं बचा था, सिर्फ क्रीम का बना हुआ फ़ूल ही था, मुझे कुछ सूझा, मैं उठी और उस क्रीम से बने फ़ूल को अपनी योनि के होंठों के बीच में टिका दिया और उसे पेश किया।
वो मेरी इस हरकत पर निहाल हो गया और मेरे पैरों को फैलाते हुए उस क्रीम के फूल को एक बार में ही खा गया।
मेरे पूरे बदन में सिरहन सी दौड़ गई क्योंकि अब वह मेरे दोनों पैर चौड़े कर के और मेरी चूत को पूरा खोल कर बहुत ही इत्मीनान से चाट रहा था, केक का फूल और उसकी क्रीम तो कब की गायब हो चुकी थी अब तो वो मेरी चूत की क्रीम ही चाट रहा था।
मैं पागल सी हो गई थी, मैं चिल्ला कर उठ बैठी, उसका सर पकड़ कर दूर हटाया तो वो मेरे दोनों बूब्स पर लगी हुई चोकलेट को चाटने लगा और मुझे भी चटाने लगा। हम दोनों ही अब वासना की आग में जल रहे थे और अब मुझे उसका लंड अपनी चूत में चाहिए था। और शायद उसे भी डर लगा कि कहीं बिना चुदाई के ही उसका लंड डिस्चार्ज न हो जाए, इसलिए उसने तुरंत मुझे अनुकूल स्थिति में लेटा दिया और फिर इस बार वो अपने साथ कंडोम ले कर आया था उसे अपने लंड पर चढ़ा कर उसने उसे मेरी गीली होकर बह रही चूत में अन्दर तक घुसा दिया।
मेरे मुँह से बहुत हल्की चीख निकली जिसे उसने अपने होंठों से दबा दिया।
फिर उसने मेरी कमर में हाथ डाल कर मेरे बूब्स अपनी छाती से चिपका लिए और मेरे होंठ चूसने लगा।
और जैसे ही लंड ने अन्दर जाकर जगह बनाई और उसने उसे मेरे दाने पर रगड़ देते हुए अन्दर बाहर किया, मेरे चूतड़ अपने आप ही उछलने लगे। हम दोनों के चूतड़ एक साथ पीछे जाते और एक साथ आगे आकर एक दूसरे को टक्कर मारते, बहुत ही उत्तेजक सेक्स किया हमने उस दिन !
और लगभग एक साथ ही हम दोनों डिस्चार्ज भी हुए, और देर तक नंगे पड़े रहे।
मैंने उसे अपने आलिंगन में लेकर चूमते हुए कहा- मेरा गिफ्ट?
उसने मेरी आँखें बंद की और जब खोलने को कहा तो मैंने देखा कि मेरे नंगे बदन पर एक ब्रांडेड जींस, और एक टॉप रखा हुआ था
उसने फिर मुझे 'हेप्पी बर्थ डे' कहा।
मैंने उसे थैंक्स कहते हुए चूम लिया।
तो दोस्तो, ये थी मेरी उस दिन की बर्थ डे की दास्तान !
ro888ma@gmail.com
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