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बिन मेहनत घर में लौड़ा मिल गया

anisha1koi@gmail.com लेखक : सनी गाण्डू प्रणाम मेरे लवर्स को, मेरे आशिकों को, मेरे पाठकों को ! इतना रिस्पांस क्या बताऊँ, मुझे समझ ही नहीं आती किससे चुदवाऊँ, कैसे चुदवाऊँ, कब चुदवाऊँ, हर किसी से एक समय पर तो मैं मरवा नहीं सकता हूँ, तीन चार हों, तो फिर भी हैंडल हो जाएगा, दस से ज्यादा एक ही डेट को मुझे मिलना चाहते हैं। खैर मैंने अपना मोबाइल ही बंद रखा हुआ है। कहते हैं ना कि 'दाने दाने पर लिखा होता है खाने वाले का नाम' ऐसे ही लौड़े लौड़े पर लिखा होता है गांड और चूत मरवाने वाले/वाली का नाम ! आज मैं जिस चुदाई को लिखने लगा हूँ, मुझे रात तक मालूम ही कुछ नहीं था। सभी घर वाले माँ, डैड, दादी सभी घर में थे, मैं अपने सर्दी के कपड़े वगैरा लेने घर आया था, मैंने अपने एक दो लवर्स से कहा भी था कि मुझे चोदना है तो आज ही मिलना पड़ेगा लेकिन अफ़सोस उन्होंने भी मेरी मेल नहीं पढ़ी। मैं मायूस था, बाहर गया, वहाँ से बियर की दो बोतल डकारी और घर लौटा। अभी मैं खाना खाकर ऊपर रूम में जाने के लिए चला ही था कि माँ ने मुझे कहा- सनी बेटा, आज तुम दादी वाले रूम में सो जाओ। "वो क्यूँ?" "एक्चुअली तेरे पापा के ऑफिस से एक माली को बुलाया है साथ का गार्डन बनवाने के लिए !" तो माँ, इसमें मैं क्या करूँ?" "क्यूँकि नीचे हम उसको सुला नहीं सकते थे ! है तो इनके जान पहचान का, लेकिन बिहारी है ऐसे नीचे सुलाना अजीब लगेगा।" लेकिन माँ, मुझे अपने कंप्यूटर पर काम करना है, आप जानती हैं कि कंपनी का काम रात को ही होता है !' "तो इसमें क्या हुआ? तुम कर लेना काम ! वो रहा मेहनत करने वाला ! उसको लेटते नींद आ गई होगी ! तुम जाकर अपना काम करके नीचे आकर सो जाना !" पापा ने भी कहा और वे सोने चले गए। कुछ देर टीव़ी के चैनल पलटने के बाद मैं ऊपर आ गया, उसके रूम की लाइट बंद थी लेकिन पोर्च की लाइट ऑन थी, पहले मुझे लगा किसी की नींद खराब होगी, रहने देता हूँ, सुबह सही, लेकिन फिर सोचा कि थोड़ा कर लेता हूँ ! मैंने धीरे से दरवाज़ा खोला, साथ में स्विच था, खोलते मैंने लाइट ऑन कर डाली, जो मैंने देखा, देखता ही रह गया, उसका लंड उसकी मुठी में था टी वी पर भोजपुरी फिल्म देख रहा था। वो मुझे देख सीधा हो गया, उसके रंग उड़ गए, पहले मेरे भी उड़े थे लेकिन जब गौर से उसके लौड़े को कुछ सेकण्ड के लिए निहारा, उसको देखा मेरा जिस्म मचलने लगा, उसने मुझे लौड़ा देखते हुए को देखा था- बाबू जी, हैं तो मर्द ही न ! हम भी देख रहे थे, आप भी देखते ही होंगे न ! और यह तो करते होंगे नहीं। "मैं तो कुछ और करता हूँ।" "क्या करते हो?" मैंने सभी दरवाज़े ठीक से बंद किये, वो देख रहा था, किसी के आने का डर तक नहीं था इसलिए आराम से मैंने खुद को नंगा कर दिया सिर्फ एक पैंटी औरतों वाली पहनी थी, उसके साथ लेटने से पहले जीरो वॉट का बल्ब जलाया, लाइट बंद करके उसके बराबर लेटा, झटके से मैंने उसकी ओढ़ी हुई चादर खींच उसके लौड़े को पकड़ लिया। एकदम से काला, झांटों वाला पूरे सचे मर्द का लौड़ा था, "मैं तो यह करता हूँ !" मैंने उसको नंगा किया और बाथरूम लेकर गया। गर्म पानी से बाथ टब भरा और उसको लेकर घुस गया। पहले उसको नहलाया, उसके लंड को खूब मसला फिर मुँह में लेकर वहीं चूसा। मैंने टाइल्स पर झाग बना कर बिखेर दी और उसको लेकर उस पर लेट गई उसकी बाँहों में ! वो मुझे बे इन्तहा हर जगह चूमने लग गया था, मेरे निप्पल चूस-चूस, मसल-मसल उसने लाल कर डाले थे। फिर वहाँ से तौलिये से पौंछ कर बेडरूम में वापस लौट आये, उसने बताया कि उसका लंड जल्दी नहीं झड़ेगा क्यूंकि उसने शाम को भी मुठ मारी थी। "वो क्यूँ?" "क्या करता, जब ऊपर आया यहाँ लेडीज के अन्दरूनी कपड़े बिखरे थे।" "उन्हें देख कर किसके बारे में सोच कर मुठ मारी?" "जिसके कपड़े थे !" यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं। "चल साले !" उसको बिस्तर पर धकेल उसका लंड मुँह में लेकर खूब चाटा और फिर टांगें फैला कर बोला- मेरी कमसिन सुंदर बहन पर आँख लगाये था? साले, ले पहले उसके भाई की गांड मार ! आजा मेरे शेर ! ओह कम ऑन राजा ! उसने कहा- साले, क्यूँ नहीं मारूँगा, तेरी फाड़ कर जाऊँगा ! जब तक रुकुँगा, रोज़ तेरी गांड के बाजे बजाया करूँगा। उसने टांगें उठा कर अपना आठ इंच का लंड मेरी कसी गांड में उतार दिया और ज़ोर ज़ोर से पेलने लगा। उसने मुझे ज़म कर पेल पूरी तसल्ली करवाई। जब वो मुझ पर से उतरा, वो बहुत बहुत खुश और अकड़ रहा था, मुझे पकड़ होंठ चूमने लगा, बोला- देखा माली ने कितना सुख दिया तुझे ! आज यही सो जा मेरे लाल, सुबह चले जाना ! पूरी रात वो मुझे चाटता रहा, जब तैयार हो जाता तो गांड में कभी मुँह में ! सुबह तीन बजे मैं सोने गया और बहुत खुश होकर ! जितने दिन वो रुका, मेरी गांड मारी। अगली रात तो मैंने पहले नीचे कह दिया था कि जब तक यह है मैं ऊपर का कमरा लूंगा, ध्यान रहता है, अजनबी बंदा है ! और इस तरह माली और मेरे बीच जिस्मानी ताल्लुकात स्थापित हुए और उसने तन लन से सेवा की ! जैसे कोई नई चुदाई होगी मेरी, लेकर आपके सामने ज़रूर आऊँगा। प्रार्थना करो कि मुझे लंड मिलते रहें ! बाय, बाय, बाय ! लव यू ऑल !
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