Home »
» करन की सीमा
करन की सीमा
Posted by Unknown
Posted on 03:22
with No comments
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम करन है। मैंने अन्तर्वासना पर कई कहानियाँ पढ़ी, माफ़ करना दोस्तो, पर मुझे सब कहानियाँ काल्पनिक लगी कोई भी कहानी सच्ची नहीं थी। पर आजकल के लोग सच्ची कहानी पढ़ना चाहते हैं तो तैयार हो जाइए मेरी कहानी पढ़ने के लिए जो शुरु से लेकर आखिर तक सच्ची घटना पर आधारित है। मैं कोई लेखक नहीं हूँ, बस अपनी आपबीती सुनाने का मन हुआ तो लिख डाली ! मेरी उम्र 27 साल है, मुझे अन्तर्वासना पर कहानी पढ़ने का बड़ा शौक है। जब मैं 20 साल का था तब से अन्तर्वासना की कहानी पढ़ रहा हूँ। मैंने अन्तर्वासना पर एक कहानी पढ़ी थी, मुझे वो बिल्कुल सच्ची लगी, उस कहानी में लेखक ने जो किया था, मेरा भी मन हुआ कि जब मेरी शादी हो मैं भी यही करूँ ! अब मेरी शादी हो गई, शादी को चार साल हो गए हैं, मेरा वैवाहिक जीवन बहुत मस्त चल रहा है, मेरी पत्नी मुझसे बहुत खुश है और मैं उसके साथ बहुत खुश हूँ ! मेरी पत्नी 24 साल की है, मैं उसको भी अन्तर्वासना की कहानी पढ़ाने लगा। हम दोनों का कुछ नया करने का मन हुआ पर बदनामी से डर लगता है। एक बार बारिश के मौसम में हमने सिनेमा हाल में व्यस्क मूवी देखने जाने का सोचा पर वहाँ ज्यादातर मर्द ही जाते हैं इसलिए मैंने अपनी पत्नी को रेनकोट पहना दिया, सर पर कैप और हम रात वाला शो देखने गए। उसने रेनकोट के अन्दर कुछ नहीं पहना क्योंकि अगर वो ब्रा पहनती तो किसी को शक हो जाता, बिना ब्रा के उसके चूचे रेनकोट से बाहर उभरे दिखाई नहीं दे रहे थे। हम ठीक साढ़े आठ बजे सिनेमाहाल पहुँच गए, बालकोनी वाली टिकट ले ली मैंने, सबसे पीछे वाली सीट पर जाकर बैठ गए। धीरे धीरे और लोग भी आने लगे। सब मर्द ही थे, हम डरने लगे पर ज्यादा लोग न होने की वजह से हम खुश हो गए और थोड़ी देर बाद लाइट बंद हुई और मूवी चालू हो गई 'मचलती जवानी' कुछ हल्के फुल्के बेडसीन चालू हो गए, हम दोनों चूमा चाटी करने लगे, हमको जोश आने लगा, मैंने सीमा के रेनकोट की ज़िप खोल दी और उसको आगे से पूरा नंगा कर दिया उसके बूब्स चूसने लगा। धीरे धीरे और मूड बना, मैं उसकी चूत चाटने लगा। सीमा भी पूरे जोश में आ गई तो मैंने अपना लण्ड भी बाहर निकाला और सीमा को चूसने के लिए बोला। वो नीचे बैठ कर चूसने लगी। मैंने उसका पूरा रेनकोट उतार कर दूसरी कुर्सी पर रख दिया। वो मेरा लण्ड चूस रही थी सामने गर्म दृश्य चल रहे थे। रिस्क लेकर सेक्स करने का मजा ही कुछ और होता है, अब सीमा पूरी नंगी होकर मेरा चूस रही थी सिनेमा हॉल में हम वासना की चरम पे थे कि अचानक हम पर लाइट पड़ी। सीमा डर के मारे खड़ी हो गई और लाइट की वजह से उसका नंगा जिस्म दिख रहा था। हमने देखा कि हमारे सामने एक आदमी खड़ा है, वो ही अपने फ़ोन की लाइट मार रहा है। सीमा अपना रेनकोट ढूंढने लगी। अँधेरे में वो नहीं मिल रहा था, वो चेहरा झुका कर बैठ गई, मैं उस आदमी से बोला- क्या है बे? वो चला गया। सीमा सहम कर बोली- चलो, यहाँ से चलते हैं।मैंने कहा- डर की कोई बात नहीं, वो गया ! सीमा ने कहा- दुबारा आ गया तो? मैंने कहा- नहीं आयेगा ! हम फिर शुरु हो गए। दस मिनट तक हम मजे लेते रहे, भूल गए कि हम सिनेमा हॉल में बैठे हैं। तभी अचानक किसी ने सीमा की जांघ पर हाथ रख दिया। सीमा ने मुझे जोर से पकड़ लिया। मैंने कहा- क्या हुआ? उसने कहा- किसी ने मेरी जांघ पर हाथ रखा हुआ है। मुझे गुस्सा आ गया, मैंने देखा कि हमारे साथ वाली सीट पर एक आदमी बैठा है। मैंने बोला- पिटेगा क्या? उसने कहा- हाँ पीट लेना पर मजे तो लेने दो ! मैंने कहा- यहाँ से भाग जा, नहीं तो जान से मार दूँगा ! उसने कहा- मार दोगे तो इसको यहाँ से नंगी ले जाओगे क्या? मैंने कहा- क्या मतलब? उसने कहा- यार जिस सीट पर मैं बैठा हूँ, यहाँ कुछ कपड़े रखे थे, मैं उनको बाहर रख आया हूँ। तुम दोनों हवस में इतने खो गए कि तुमको पता भी नहीं चला कि मैं कब आया और कब गया ! हम पूरी तरह फंस चुके थे, अब कोई और रास्ता भी नहीं था, मैंने पूछा- तुम क्या चाहते हो?उसने कहा- जो तुम कर रहे हो, वो करना चाहता हूँ बस ! मैंने कहा- भाई, हम दोनों पति-पत्नी हैं। उसने कहा- तो क्या हुआ? यहाँ अँधेरा है, किसी को कुछ नहीं पता चलेगा, मेरा काम होने के बाद तुम अपने रास्ते, मैं अपने रास्ते ! यार मैंने जब तुम दोनों पर लाइट मारी थी तो पहले तो मैं डर कर अलग बैठ गया। फिर मुझसे रहा नहीं गया, भाभी है ही इतनी सेक्सी। मेरे कपड़े भी गंदे हो गए, मैं बैठ बैठ कर पीछे से आया और जो कपड़े यहाँ रखे थे, उनको ले गया। मैंने कहा- तुम ही थे जिसने लाइट मारी थी? "हाँ यार, मैं ही था वो ! मुझसे बात कर रहा था पर अपने दोनों हाथों से सीमा की जांघों को सहला रहा था। मैं भी मजबूर था, मैं सीमा को चूमने लगा, वो सीमा के स्तन चूसने लगा और उसने अपना लण्ड भी निकाल कर सीमा को पकड़ा दिया। सीमा ने हाथ झटक कर हटा लिया तो उसने कहा- अगर अब के बाद नखरे करे तो मैं बिना कुछ कहे भाग जाऊँगा, फिर जाना घर नंगी ! तभी सीमा को पता नहीं क्या हुआ, वो मुझे छोड़ कर उस आदमी के गले लग गई। उसने कहा- यह हुई न बात ! फिर सीमा उसका लण्ड चूसने लगी। वो बोला- वाह भाभी, मस्त हो तुम तो ! चूसो ! पूरा लो मुँह में ! अह्ह ओह्ह ! मजा आ रहा है, चूसती रह ! बुरा तो लग रहा था मुझे कि मेरी पत्नी मेरे सामने किसी दूसरे का लण्ड चूस रही है, और वो मेरी पत्नी की गांड दबा रहा था। सीमा मेरा लण्ड हाथ से हिला रही थी, उसका मुँह में ले रही थी। मैं भी फिल्म को भूल कर उन दोनों को देख रहा था। उसने कहा- भाभी अब चूत में तो लो ! सीमा बोली- अब तुम हद पार कर रहे हो ! बस चूस कर ही निकलवा लो ! उसने कहा- ठीक है भाभी, गुस्सा न करो ! वो सीमा के उभार दबाने लगा, उसका झड़ गया। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं। सीमा बोली- अब तो कपड़े दे दो ! उसने साथ वाली सीट पर हाथ मार कर सीमा का रेनकोट दे दिया और चला गया। मैंने कहा- भोंसड़ी का कह रहा था बाहर रख आया है ! सीमा मुझ पर गुस्सा होने लगी, बोली- तुम्हारी वजह से हुआ ये सब ! मैंने कहा- सॉरी यार ! पर तुम भी तो मजे से कर रही थी ! आखिर तुमको अचानक क्या हो गया था? सीमा बोली- यार, अन्तर्वासना की कहानियाँ याद आ गई थी ! फिल्म का भी इन्टरवल हो गया और हम इन्टरवल में ही बाहर आ गए... आज भी हम उस रात को याद करते हैं तो मूड में आ जाते हैं। पर उसके बाद कभी हमने ऐसा काम नहीं किया। इस कहानी का एक एक शब्द सच है मैं यह जानना चाहता हूँ कि हमने उस दिन जो किया था, वो ठीक था या नहीं? आप मुझे मेल करके बता सकते हैं। anisha1koi@gmail.com हजारों कहानियाँ हैं अन्तर्वासना डॉट कॉम पर !
0 comments:
Post a Comment