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पहली बार है, बहुत दर्द होगा ना?




प्रेषक : साहिल राजपूत
हेलो फ्रेंड्स, मेरा नाम साहिल है। मैं दिखने में ठीक ठाक हूँ।मैंने अन्तर्वासना पर बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं, कुछ सच्ची लगी, कुछ हवा में...! मुझे लगा कि मुझे भी अपना अनुभव आपसे शेयर करना चाहिए। यह मेरी पहली कहानी है।
मैंने पिछले साल बारहवीं की परीक्षा दी थी। यह बात तब की है जब मैंगयारहवीं में था। मैं एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ता था। उस स्कूल यह अप्रैलकी बात है जब एडमिशन शुरू ही हुए थे। तभी हमारे स्कूल में दो सगीबहनोंभारती और पूजा ने एडमिशन लिया। मैं अपनी क्लास का सबसे हैण्डसम बॉयथा। लड़कियाँ मुझसे बात करने के लिए लड़ाई करती थी कभी कभी...
मैं भारती को पसंद करने लगा था... वो थी ही इतनी मस्त... उसके चूचे !वाह... क्या चूचे थे... उसकी शर्ट 4 इंच ऊपर उठी रहती थी हमेशा... मेरा उस पर दिल आ गया था... मैं तभी जवान होना शुरू हुआ था... मैं रात को बेड पर पड़े पड़े ही उसके बारे में सोच के मुठ मारा करता था।
एक दिन मेरी किस्मत चमकी और उसने मुझसे खुद आकर बात की और कहा- क्या आपके साथ कोई बैठेगा आज?
वैसे तो मेरे साथ शिवानी नाम की एक प्यारी सी लड़की बैठती थी लेकिनइतना अच्छा मौका मैं कैसे छोड़ता, मैंने कहा- आपके लिए तो सारी सीटें खाली हैं, कहीं भी बैठ जाइये।
इस पर वो हंसने लगी और कहने लगी- क्यों? ऐसा क्या है मुझमें...?
मैं समझ गया कि हंसी तो फंसी...
मैंने कहा- आप हो ही इतनी खूबसूरत।
इस पर वो थोड़ा शरमा गई और वहीं बैठ गई। फिर तो वो रोज़ मेरे साथ ही बैठने लगी। मैंने शिवानी को समझा दिया और वो मान भी गई।
धीरे धीरे भारती मेरी बहुत अच्छी दोस्त बन गई। मैं कभी कभी मजाक मजाक मैं उसके गले में हाथ डाल देता था तो वो कुछ नहीं कहती थी।
तभी 15 अगस्त के कार्यक्रम के लिए एक नाटक होना था तो मेरी टीचर ने मुझे और भारती को मुख्य भूमिका के लिए चुना।और कुछ दोस्तों को साइड रोल के लिए... भारती का घर पास होने के कारण हम टीचर से पूछ कर उसके घर रिहर्सल करने लगे।
मैंने पहले उसकी मम्मी को पटाया। जाते ही उसके मम्मी के पैरों में गिर गया और नमस्ते की। उसकी मम्मी खुश...
एक दिन हम भारती के घर पहुँचे तो पता चला कि उसके मम्मी पापा किसीशादी में गए हैं और उसकी छोटी बहन पूजा अपनी किसी फ्रेंड के घर गई हुए है।किस्मत से उस दिन प्रेक्टिस जल्दी ख़त्म हो गई क्योंकि मेरा एक दोस्त बीमारथा।
तो सब दोस्त जाने लगे। मेरा मेन रोल होने के कारण मुझे टेन्शन होगई। मैंने भारती को यह बात तो बताई और अकेले सिर्फ उसके साथ ही प्रेक्टिसके लिए मना लिया।
थोड़ी देर प्रेक्टिस करने के बाद हम उसके बेडरूम में चले गए। मैं उसके बेड पर बैठ गया, थोड़ा पानी पिया और वहीं लेट गया...
तभी वो मेरे पास आई और एक तकिये को मेरे मुँ पर दे मारा।
मुझे शरारत सूझी और उसे बेड पर खींच लिए और दूसरे तकिये से उसे मारने लगा। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
फिर खलते खलते अचानक मेरा पाँव एक किताब पर पड़ा और मैं पीछे को गिरगया... सहारा लेने के लिए मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और वो भी मेरे ऊपर गिरगई। और उसके होंठ मेरे गले पर जैसे ही लगे, मुझे बहुत अच्छा लगा।
मुझे लगा कि यही सही समय है, और मैंने उसे थोड़ा ऊपर किया और उसके गाल पर एक किस कर दी।
वो शरमा गई, मुझसे दूर होने की कोशिश करने लगी। लेकिन मैं कहाँमानने वाला था, मैंने उसके होठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे चूमने लगा।
तभी ना जाने उसे क्या हुआ, वो थोड़ी ताकत लगा मुझसे दूर हो गई, बेड के सिरहाने खड़ी हो गई और मुस्कुराते हुए बोली- यह क्या कर रहे हो...?
मैंने सही मौका पाया, उसके पास गया और उसकी उसकी आँखों में आँखें डाल कर कह दिया- आई लव यू !
और उससे लिपट गया। उसने भी मेरी कमर को पकड़ लिया और कहा- आई लव यू टू !
तो मैंने उसका चेहरा ऊपर किया और उसको पागलों की तरह चूमने लगा। किसकरते करते मैंने उसके टॉप में हाथ डाला और उसकी कमर पर अपना हाथ रख दिया।धीरे धीरे मैं अपना हाथ ऊपर ले गया और उसकी ब्रा तक पहुँच गया और उसे कस करपकड़ लिया। अब वो भी गर्म होने लगी थी और वो भी मेरा किस करने में साथ देनेलगी।
मेरा लंड खड़ा हो गया था और उसकी सांसें भी गर्म होने लगी थी, मैं उसके शरीर की गर्मी महसूस कर सकता था।
तब मैं अपने हाथ को आगे ले गया और उसके चूचों को जोर जोर से दबाने लगा, मुझे थोड़ी हैरानी भी थी कि वो मेरा साथ दे रही थी।
अचानक मुझे उसका हाथ अपने लंड पर महसूस हुआ, वो मेरी जींस की ज़िपखोलने की कोशिश कर रही थी। तब मैंने उसके टॉप उतार दिया, उसकी ब्रा दिख गई।
क्या चूचे थे यारो ! मैं तो उत्तेजना के मारे पागल हुआ जा रहा था... और उसका हाल तो देखने लायक था।
अब मैंने उसकी ब्रा भी उतार दी और उसकी दोनों चूचियाँ मेरे सामने नंगी हो गई...
मैंने एक चूची पे अपने होंठ जमा दिए... लेकिन सिर्फ किस किया... फिरमैंने भी अपनी टीशर्ट उतार दी और उससे फिर लिपट गया। करीब 15 मिनट तक यहीचलता रहा, अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था और मैंने अपना हाथ उसकी चूत पर रख दिया। ऐसा करने पर वो सिहर उठी और मेरे लंड को जोर जोर से दबाने लगी...
मैंने अपनी जींस का बटन खोल कर अपनी जींस को घुटनों तक कर दिया...
तब उसने अपना एक हाथ मेरे लंड पर रख दिया और उसे आगे पीछे करने लगी। मुझे समझने में देर नहीं लगी कि यह चालू टाइप की है।
तब मैं खड़ा हुआ और उसकी जींस उतार दी, उसकी लाल रंग की पेंटी देख कर मेरा लंड जैसे फटने को हो गया था, तब उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपने ऊपर खींच लिया और मुझे किस करते हुए कहा- साहिल, मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ।
यह सुन कर मेरा दिल जैसे सातवें आसमान पर था।
तब उसने कहा- मेरे साथ वो सब करो ना !
मैंने अपना सर हाँ में हिलाया और उसकी पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूतको चूमने लगा। वो तो तड़पने लगी और मेरे बालों को खींचने लगी और मेरे चेहरेको अपनी चूत पर दबाने लगी मानो मेरे सर को ही अपनी चूत में डाल लेगी।
तब मैंने उसकी पेंटी उतार दी और अब उसकी नंगी चूत मेरे सामने थी, उसकी चूत पर सुनहरे रंग के रोएँ थे, और उसकी गुलाबी चूत में से पानी जैसा कुछ निकल रहा था, मैंने हिम्मत करके उसकी चूत के होठों पर अपनी जीभ लगाई और धीरे धीरे उसे चाटने लगा, उसका स्वाद कसैला लग रहा था लेकिन उसकी सिसकारियों के आगे यह कुछ नहीं था।
उसकी आँखें बंद हो गई थी और वो खुद ही अपने चूचों को मसल रही थी। तबमैंने अपना लण्ड उसकी चूत पर रख दिया और रगड़ने लगा। इससे उसकी सिसकारियाँऔर तेज हो गई।
उसकी चूत इतनी गीली थी कि मेरे लंड का आगे का हिस्सा उसकी चूत केपानी के कारण बहुत ही चिकना हो चुका था, तभी उसने अपनी आँखें खोली और मेरे छः इन्च के लंड को देख कर डर गई, कहने लगी- मेरा पहली बार है, बहुत दर्द होगा ना?
तो मैंने उसे समझाते हुए कहा- शुरू में थोड़ा दर्द होगा लेकिन बाद में मज़ा आयेगा।
इस पर वो मान गई और मैं ड्रेसिंग टेबल पर रखी क्रीम को उठा लाया औरअपने लंड पर बहुत सारी क्रीम लगा ली और थोड़ी उसकी चूत पर भी लगा दी।
मुझे पता था कि दर्द तो बहुत होगा इसलिए मैंने पहले बहुत ही धीरे सेउसकी चूत के छेद पर अपना लंड रखा और हल्का सा जोर लगाया लेकिन मेरा लंडफिसल कर साइड में को चला गया। फिर मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी जाँघोंको फ़ैलाया और हल्का सा धक्का मारा तो मेरे लंड का आगे का हिस्सा उसकी चूतमें चला गया।
उसकी चीख निकल गई, मुझसे वो मुझसे बाहर निकालने को कहने लगी लेकिनमेरा सब्र अब गायब हो चुका था, मैंने एक और जोर का धक्का लगाया, और मेराआधा लंड उसकी चूत में चला गया।
उसकी सील टूट चुकी थी, वो रो रही थी तो मैं थोड़ी देर के लिए उसके ऊपर ही लेट गया और उसके आँसुओं को चूम चूम कर साफ़ कर दिया।
जब वो शांत हो गई तो मैंने उसे चूमते चूमते ही एक जोर का धक्कालगाया और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में था। उसकी चीख निकल गई लेकिन मैंनेअपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए जिससे उसकी आवाज निकल नहीं सकी। मैंने फिरधीरे धीरे धक्के लगाने शुरू किये, थोड़ी देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी। मैं उसके गालों को चूस रहा था और धक्के लगा रहा था, धक्के पे धक्के लगा रहा था, धक्के लगाते लगाते मैं पलट गया और वो मेरे ऊपर आ गई।
अब मैं उसे नीचे से चोद रहा था और उसके चूचे मेरी छाती से रगड़़ खा रहे थे।
करीब दस मिनट बाद ही वो अकड़ने लगी और चिल्लाने लगी- और तेज़ करो, और तेज़, आई लव यू सो मच !
मुझे भी जोश आ गया क्योंकि मेरा भी निकलने वाला था, हम दोनों एक साथ झड़े...
मैं उसके ऊपर ही लेट गया, अपना लंड बाहर निकाल कर वहीं लेट गया। मुझे नींद आ गई।
करीब 1 घंटे बाद आँख खुली तो पाया कि वो मेरे साथ नहीं थी। मैंने जल्दी से अपने कपड़े पहने और रसोई में गया तो जो देखा तो मेरी आँखें फटी की फटी रह गई, उसकी बहन पूजा, उसके साथ चाय बनाने में मदद कर रही थी, मुझे देख कर वो हंसने लगी...
आगे की कहानी बाद में ! मुझे मेल करके बताइए कि आपको मेरा अनुभव कैसा लगा।
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